जसवंत सिंह रावत की वीरगाथा /जीवन परिचय

 जसवंत सिंह रावत कौन है।

जसवंत सिंह रावत ये एक ऐसे महान सैनिक थे, जिन्होंने चीनी सैनिकों को 72 घंटों तक अपने दम पर रोक के रखा।

Jaswant Singh Rawat


जसवंत सिंह रावत का जीवन परिचय 

जसवंत सिंह रावत का 19अगस्त सन 1950 पट्टी में इनका जन्म हुआ था।16अगस्त 1960 को जसवंत सिंह रावत को सेना में राइफल मैंऩ में शामिल किया गया। जिस समय इनकी ट्रेनिंग हो रही थी। उसी समय चीन ने उतरी भारत की सीमा पर आक्रमण किया। इनकी टुकड़ी को भारती सेना ने इन्हें चौथी गढ़वाल रायफल नेफा क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश में चीनी आक्रमण का जवाब देने के लिए भेजा गया।

जिस स्थान पर चीन ने हमला किया वो स्थान 14000फिट की ऊंचाई पर था। चीनी सेना के पास चीनी सैनिक ज्यादा थे।और साजो समान भी ज्यादा था। इनके पास मीडियम मशीनगन थी। 

जिसकी वजह से हमारे भारती सैनिक हताहत हो रहे थे। अपने भारती सैनिकों  को इसे हताहत होते देख जसवंत सिंह रावत ने मशीनगन लूटने की योजना सोची और मशीनगन लूटने के उद्देश्य  से वे आगे बढ़े। और उनके साथ उनके साथी भी थे। ये लोग जमीन पर रेग़ कर चीनी सैनिकों पर हथगोले से हमला करके उनकी LMG अपने कब्जे में करली और चीनी सैनिकों पर हमला करने लगे।

जसवंत सिंह रावत ने बैरक नम्बर 1,2,3,4,5 से लगातार गोलियों की बौछार करके दुश्मन को 72 घंटे रोक के रखा। 

इस दौरान जसवंत सिंह रावत ने 300 चीनी सैनिकों को मार दिया। इस भयंकर युद्ध के दौरान हमारे 162 वीर सैनिक शहीद हो गए। चीनी सैनिकों को जब पता चला कि केवल एक सैनिक ने हमे 72 घंटों तक रोक के रखा है ।तो उन्हें ने चौकी को चारों ओर से घेर लिया। और जसवंत सिंह रावत  का सिर काट कर अपने सेना नायक के पास ले गए। 

चीनी सेना का सेना नायक खुद इस महान सैनिक की वीरता का कायल हो गया। महान सैनिक जसवंत सिंह रावत 17 नवंबर 1962 को शाहिद हो गए।



Post a Comment

Previous Post Next Post